वैज्ञानिकों का मूल्यांकन

क्त्क्ै के वैज्ञानिकों की श्रेणी ('बी'/'सी'/'डी'/'ई') श्रेणी के वैज्ञानिकों की अगले पद पर डी.आर.डी.ओ. के प्रमुख केन्द्रों जैसे बंगलौर, दिल्ली, हैदराबाद व पुणे में हर वर्ष अप्रैल से जून मध्य तक मूल्यांकन बोर्ड़ों का आयोजन किया जाता है। अलग-अलग विषयों में अर्हता प्राप्त अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए साक्षात्कार बोर्ड़ो का आयोजन अन्य जगहों जैसे बालासोर, चण्डीगढ़ और देहरादून में भी किया जा सकता है। दिल्ली में साक्षात्कार बोर्ड़ो का आयोजन आर.ए.सी में होता है। मूल्यांकन बोर्ड़ो का आयोजन आर.ए.सी के अध्यक्ष अथवा प्रतिष्ठित वैज्ञानिक/तकनीकीविदों की सूची से किसी एक की सह-अध्यक्षता में किया जाता है। बोर्ड़ में एक अध्यक्ष, दो कोर/मूल सदस्यों के अलावा विषय से संबंधित एक विभागीय विशेज्ञ और दो बाहरी विशेषज्ञ होते है। सामान्यतः बाहरी विशेषज्ञों में एक किसी शैक्षणिक संस्थान से तथा दूसरा एक एसे वैज्ञानिक संस्थान से होता है, जिसके कार्यकलाप डी.आर.डी.ओ. कार्यो से मेल खाते हों ताकि वैज्ञानिकों के शैक्षिक आधार के साथ-साथ व्यावहारिक अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में उनके ज्ञान का भी मूल्यांकन किया जा सकें। हर अभ्यर्थी के लिए उसकी प्रयोगशाला से निदेशक या उसका प्रतिनिधि मूल्यांकन बोर्ड़ में एक सदस्य होता है। अनु.जा./ज.जा. के प्रतिनिधि को भी जरूरत पड़ने पर बोर्ड़ के सदस्यों द्वारा सामूहिक सहमति से चुना जाता है।

साक्षात्कार की प्रक्रिया

बोर्ड़ का अध्यक्ष द्वारा प्रयोगशाला के निदेशक से अपने अभ्यर्थीं/उम्मीदवार को सौंपी गई जिम्मेदारियों के प्रकार और उसके योगदान के बारे में संक्षिप्त विवरण देने के लिए कहा जाता है। बोर्ड़ से यह अपेक्षा की जाती है कि वह वैज्ञानिक का उसी विषय में साक्षात्कार ले जो कि उसके ए.पी.ए.आर. में दर्शाया गया हो। वैज्ञानिक के बोर्ड़ कक्ष में दाखिल होने के बाद, बोर्ड़ अध्यक्ष उसके बायोडाटा की समीक्षा करता है और उसके बाद वैज्ञानिक को अपनी उपलब्धियों और भविष्य के कार्यो की रूपरेखा के बारे में संक्षिप्त प्रेजेटेंशन के लिए आमंत्रित करता है। वैज्ञानिक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह केवल अपने व्यक्तिगत योगदान और उपलब्धियों को ही दर्शाए। प्रेजेटेंशन के बाद बोर्ड़ के सभी सदस्यों से कहा जाता है कि वे बारी-बारी से वैज्ञानिक का साक्षात्कार लें।

मूल्यांकन बोर्ड़ जिसमें सावधानी से चुने गए विभागीय तथा बाहरी विशेषज्ञ होते हैं एक सामूहिक संतोषजनक निर्णय लेने में मद्द करता है। कुछ परिस्थितियाँ ऐसी भी आती हैं जिनमें मूल्यांकन बोर्ड़ को सामूहिक निर्णय लेने के लिए काफी सावधानी बरतनी पड़ती है जैसे

  1. (a) एक संयुक्त परियोजना में व्यक्ति के योगदान का सटीक निर्धारण करना होता है। व्यक्ति का एक बहुत ही सफल और प्रतिष्ठित परियोजना में एक व्यक्ति का योगदान बहुत ही कम भी हो सकता है।
  2. (b) कुछ अभ्यर्थी बहुत अच्छे वक्ता और उत्कृष्ट प्रस्तुतकर्ता होते है। दूसरों में ऐसे गुण नहीं होते है। अच्छे भाषण देने की प्रतिभा कहीं अभ्यर्थी की असली योग्यता को न दबा दें।

अगर मूल्यांकन बोर्ड़ द्वारा वैज्ञानिक की जांची गई कुल क्षमता वर्तमान कार्यकाल के लिए निर्धारित अंको से मेल खाती है तो उसे पदोन्नति के लिए 'योग्य' घोषित किया जाता है अन्यथा वह 'अभी योग्य नहीं' घोषित किया जाता है।

अगर अभ्यर्थी चाहे तो वह हिन्दी को भी साक्षात्कार का माध्यम बना सकता है।

स्वर्ण पदक

हाल ही में, आरएसी के द्वारा मूल्यांकन में मेधावी वैज्ञानिकों के सम्मान के लिए एक योजना शुरू की गई है जिसमें वैज्ञानिक बी, सी, डी और ई में मूल्यांकन बोर्ड के प्रत्येक सदस्य से न्यूनतम 90% अंक हासिल करने वाले सभी वैज्ञानिकों को एक स्वर्ण पदक (20 ग्राम) दिया जाएगा ।

पीयर रिव्यू

डी.आर.डी.एस. के वैज्ञानिकों की श्रेणी 'एफ' से 'जी' और 'जी' से 'एच' में पदोन्नति प्रतिवर्ष 01 जुलाई से एफ.सी.एस. प्रणाली के अंतर्गत आंतरिक छँटनी समिति द्वारा योग्य उम्मीद्वारों की छँटनी कर 'पीयर समिति द्वारा उनके वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्टो के मूल्यांकन के आधार पर की जाती है। मूल्यांकन हेतु न्यूनतम सेवावधि संबंधित मूल्यांकन वर्ष की 30 जून को पाँच वर्ष होती है।  

अर्हक सेवा में तीन महीने की छूट उन वैज्ञानिकों को दी जा सकती है जिन्होनें किन्ही अपरिहार्य कारणों से 01 जुलाई के बाद कार्यभार ग्रहण किया हो। कार्यकाल में उन वैज्ञानिकों 'एफ' को 01 साल की छूट उन दी जाती है जिन्होंने लगातार म्गबमचजपवदंससल ठतपससपंदज की ग्रेडिंग प्राप्त की हो (90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक अपने चार उतरोत्तर सी.पी.ए.आर. में प्राप्त किए हों)।

पीयर समिति वैज्ञानिकों के वर्तमान ग्रेड़ में उनकी वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास कार्य की गुणवत्ता, निर्दिष्ट कार्य का सही समय पर समापन, प्रबंन्ध क्षमता, नेतृत्व गुण, चुनौतियों से जूझने की प्रेरणा, कार्य के प्रति समर्पण, उच्च स्तर के कार्य करने की सामथ्र्य आदि योग्यताओं का समग्र अवलोकन करती है। पीयर कमिटी श्रेणी 'एफ' से 'जी' में पदोन्नति के लिए सिफारिश किये गये वैज्ञानिकों के लिए ृ 4,000/- प्रतिमाह के विशेष वेतन की सिफारिश भी कर सकती है।  

यही समिति उत्कृष्ट वैज्ञानिकों को प्रतिष्ठित वैज्ञानिक (डी.एस.) की श्रेणी में प्रोन्नत करने की भी सिफारिश करती है।